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जो वाहन तीन बार अनफिट पाया जाएगा, उस वाहन का पंजीयन ऑनलाइन निरस्त हो जाएगा। जिससे ऐसे वाहन सड़क पर नहीं दौड़ सकेंगे।
यूपी में अब तय उम्र पूरी कर चुके वाहन फर्राटा नहीं भर सकेंगे। चेकिंग दस्ते ऐसे अनफिट एवं खटारा वाहनों को जब्त करके स्क्रेप (कबाड़) सेंटर के हवाले करेंगे। स्क्रेप सेंटर पहुंचे वाहनों की उचित कीमत उनके मालिकों को अदा की जाएगी। यह परिवहन विभाग की स्क्रेप पॉलिसी से संभव होगा।
परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने इस पॉलिसी को यूपी में तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। इससे देश में यूपी पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने सबसे पहले इस पॉलिसी को लागू किया है। पॉलिसी के तहत अब 15 वर्ष पुराने पेट्रोल और 10 वर्ष पुराने डीजल वाहन बिना फिटनेस सड़कों पर नहीं दौड़ सकेंगे। ऐसे वाहन बिना फिटनेस चलते पकड़े गए तो प्रवर्तन दस्ते इन्हें अनफिट मानते हुए इन्हें जब्त करके स्क्रेप सेंटर के हवाले कर देंगे।
खुलेंगे स्क्रेप सेंटर
लखनऊ सहित प्रदेश भर में स्क्रेप सेंटर खोले जाएंगे। यहां पर मालिक निष्प्रयोज्य वाहनों को सौंप कर सर्टिफि केट ले सकेंगे और वहनों की उचित कीमत भी उन्हें मिलेगी। इस पॉलिसी के लागू होने से वाहन संबंधी अपराधों में भी कमी आएगी। एक स्क्रेप सेंटर तीन एकड़ तक का होगा।
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वाहन मालिक को ये फायदे
सूत्रों के मुताबिक कबाड़ हो चुके वाहन की कुल कीमत का छह फीसदी नकद पैसा मिलेगा। एक प्रमाण पत्र मिलेगा जिसे दिखाकर वाहन खरीद पर पांच फीसदी टैक्स में भी छूट हासिल होगी।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू
अपर आयुक्त परिवहन (आईटी) देवेंद्र कुमार त्रिपाठी के मुताबिक परिवहन विभाग की वेबसाइट पर छह तरह के लोग वाहन को स्क्रेप घोषित करने के लिए आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए परिवहन विभाग ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू की है। इसमें कोई व्यक्ति, फर्म, संस्था, ट्रस्ट वेबसाइट www.ppe.nsws.gov.in/scrappagepolicy पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। साथ ही सौ रुपए के स्टांप पर चरित्र प्रमाण पत्र सहित अन्य जरूरी पत्रावलियों को भी अपलोड करना पड़ेगा।